Thursday, 9 May 2013

कहावत लोकोक्ति मुहावरे

1- घर में नहीं हैं दाने और अम्मा चली भुनाने। अर्थ -झूठी शान दिखाना, न होने पर ढोंग करना। 2- घड़ी में घर जले, अढ़ाई घड़ी भद्रा। अर्थ - संकट को होशियारी से दूर करें। 3- घड़ी में तोला, घड़ी में माशा। अर्थ - चंचल मन वाला। 4- घर आए कुत्ते को भी नहीं निकालते। अर्थ - घर में आने वाले का सत्कार करना चाहिए। 5- घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध। अर्थ - अपने घर में योग्यता का आदर नहीं होता और बाहर का व्यक्ति योग्य समझा जाता है। 6- घर का भेदी लंका ढाए। अर्थ - घर की फूट का परिणाम बुरा होता है। 7- घर की खांड़ किरकिरी, लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा। अर्थ - अपनी वस्तु़ ख़राब लगती है और दूसरे की अच्छी। 8- घर की मुर्गी दाल बराबर। अर्थ - अपनी चीज़ या अपने आदमी की क़दर नहीं होती। 9- घर खीर तो, बाहर खीर। अर्थ - अपने पास कुछ हो तो, बाहर भी आदर होता है। 10- घर का घोड़ा, नखास मोल। अर्थ - चीज़ घर में पड़ी है और उसकी कोई कीमत नहीं है। 11- घायल की गति घायल जाने। अर्थ - जो कष्ट भोगता है वही दूसरों का कष्ट समझता है।। 12- घी कहाँ गया ? खिचड़ी में। अर्थ - वस्तु का प्रयोग ठीक जगह हो गया। 13- घी सँवारे काम, बड़ी बहू का नाम। अर्थ - काम तो साधन से हुआ, नाम करने वाले का हो गया। 14- घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या। अर्थ - पेशेवर को किसी की से रियायत नहीं करनी चाहिए। 15- घोड़े की दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ाएगा। अर्थ - उन्नति करके आदमी अपना ही भला करता है। 16- घोड़े को लात, आदमी को बात। अर्थ - उत्तम वस्तु थोड़ी भी हो तो अच्छी है।। 17- घडियाँ गिनना। अर्थ - बेचैनी से प्रतीक्षा करना। 18- घड़ों पानी पड़ जाना। अर्थ - बहुत शर्मिंदा होना। 19- घर काट खाने को आना। अर्थ - अकेलापन अखरना। 20- घर का न घाट का। अर्थ - कहीं का भी नहीं रहना। 21- घर फूँक तमाशा देखना। अर्थ - अपनी हानि करके मौज उड़ाना। 22- घर में गंगा बहना। अर्थ - अच्छी चीज़ पास ही में मिल जाना। 23- घाव पर नमक छिड़कना। अर्थ - दु:खी को और दु:खी करना। 24- घाव हरा करना। अर्थ - भूले हुए दु:ख की याद दिलाना। 25- घास काटना। अर्थ - फूहड़ काम करना। । 26- घास छीलना। अर्थ - व्यर्थ समय गवाँना।। 27- घिग्घी बँधना। अर्थ - स्पष्ट बोल न सकना। 28- घी घना मुट्ठी चना। अर्थ - जो मिल जाए उसी पर संतुष्ट रहना चाहिए। 29- घी के दिये जलना। अर्थ - आनंद मंगल होना, खुशियाँ मनाना। 30- घी खिचड़ी होना। अर्थ - खूब मिल- जुल जाना।। 31- घोंघा बसंत। अर्थ - मूर्ख होना। 32- घोड़े बेचकर सोना। अर्थ - निश्चिंत हो जाना।

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