Friday, 3 May 2013

HINDI GK 9








प्र.निम्न कथाकारों में से कौन प्रगतिवादी कथाकार है
अ जैनेन्द्र
ब यशपाल
स अज्ञेय
द इलाचन्द जोशी
ANS-B
 Q..उत्क्षिप्त व्यंजन कौनसा है
अ ग
ब ङ
स ड़
द ढ
ANS-C
प्र."परिंदा"में प्रत्यय है
अ आ
ब दा
स इंदा
द कोई नहीं
ANS-C
प्र."कुर्सी तोड़ना"मुहावरे का सही अर्थ है
अ सुन्दर लिखना
ब भारी होना
स मेहनत नकरना
द उपद्रव करना
ANS-C
प्रश्न--'निशा निमन्त्रण 'के लेखक कौन है ?
अ हरिवंशराय बच्चन
ब सुमित्रानन्दन पंत
स सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
द नरेश मेहता
ANS-A
प्रश्न--शुद्ध शब्द कौनसा है
अ तुस्टि
ब तुश्टि
स तुष्टि
द तुष्टी
ANS-C
प्र.वीर रस का स्थायी भाव है
अ क्रोध
ब भय
स शोक
द उत्साह
ANS-D
प्र.'मुँह में दाँत न होना 'मुहावरे का अर्थ होगा:-
अ सामथ््य होना
ब सामथ््य न होना
स दाँतो की बीमारी होना
द अनाप शनाप बकना
ANS-B
Q.अधिकोश में उपसर्ग है
अ अति
ब अधि
स अ
द कोई नहीं
ANS-B
Q.चुनौती में प्रत्यय है
अ औती
ब ओती
स ती
द ई
ANS-A
Q..कनिष्ठ का विलोम है
अ बराबर
ब समान
स समकक्ष
ढद वरिष्ठ
ANS-D
Q.सारंग का अर्थ है
अ चन्द्रमा
ब हाथी
स सूर्य
द सभी
ANS-D
Q..जिसका अहंकार चूर्ण हो गया हो:-
अ दम्भी
ब पाखण्डी
स आन्तगर्व
द दर्पहीन
ANS-D
Q..विसर्ग संधि का उदाहरण नहीं है:-
अ निरक्षर
ब मनोरंजन
स निषेध
द भास्कर
ANS-C
Q."अत्यन्त प्रसन्न होना "के लिये प्रयुक्त मुहावरा होगा:-
अ अंग में अंग न समाना
ब अंक में भरना
स अंग अंग ढीला होना
द अपनी बीती सुनाना
ANS-A
Q.उपवन का पर्याय नहीं है
अ शतदल
ब गुलसन
स वाटिका
द उद्दान
ANS-A
Q.प्रेमचन्द जी के किस उपन्यास में कृषक समस्या का चित्रण है
अ प्रेमाश्रम
ब गोदान
स निर्मला
द अऔर ब दोनो
ANS-D
Q.अन्वित का संधि-विच्छेद होगा-:
अ अनु+इत
ब अन्व+इत
स अनु+अत
द अनु+ऊत
ANS-A
Q."सुरासुर" में समास है:-
अ बहुब्रीहि
ब तत्पुरुष
स द्वंद्व
द कर्मधारय
ANS-C
Q."वर्षा ने गाना गाया"किस प्रकार का वाक्य है
अ कर्मवाच्य
ब कर्त्तवाच्य
स भाववाच्य
द विधानार्थक
ANS-A
Q."वह उक्ति जो परम्परा से चल रही हो" वाक्यांश के लिए एक शब्द होगा--
अ जनश्रुति
ब अत्युक्ति
स अनुश्रुति
द अधिसूचना
ANS-C
Q..मुख का पर्याय नहीं है
अ आनन
ब वदन
स चेहरा
द बदन
ANS-D
Q.परीक्षा का सही संधि विच्छेद होगा
अ परि+ईक्षा
ब परी+ईक्षा
स परी+इक्षा
द परी+ईक्षा
ANS-A
Q.भृगु के वंश में उत्पन्न पुरुष:----
अ वशिष्ठ
ब कश्यप
स भार्गव
द विश्वामित्र
ANS-C
Q."रघुकुल रीति सदा चलि आई।प्राण जाय पर वचन न जाय।"पंक्ति के रचनाकार हैं
अ सूरदास
ब तुलसीदास
स जायसी
द भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
ANS-B


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